Thursday, February 23, 2017

महिला सुरक्षा - विशेष.



          एक नारी को तब क्या करना चाहिये जब वह देर रात में किसी उँची इमारत की लिफ़्ट में किसी अजनबी के साथ स्वयं को अकेला पाये ?

          विशेषज्ञ का कहना है: जब आप लिफ़्ट में प्रवेश करें और आपको 13वीं मंज़िल पर जाना हो, तो अपनी मंज़िल तक के सभी बटनों को दबा दें ! कोई भी व्यक्ति उस परिस्थिति में हमला नहीं कर सकता जब लिफ़्ट प्रत्येक मंजिल पर रुकती हो ।

          2. जब आप घर में अकेली हों और कोई अजनबी आप पर हमला करे तो क्या करें ? तुरन्त रसोईघर की ओर दौड़ जाएँ...

          विशेषज्ञ का कहना है: आप स्वयं ही जानती हैं कि रसोई में पिसी मिर्च या हल्दी कहाँ पर उपलब्ध है और कहाँ पर चक्की व प्लेट रखे हैं ? यह सभी आपकी सुरक्षा के औज़ार का कार्य कर सकते हैं और भी नहीं तो प्लेट व बर्तनों को ज़ोर-जोर से फैंके भले ही टूटें और चिल्लाना शुरु कर दें । स्मरण रखें कि शोरगुल ऐसे व्यक्तियों का सबसे बड़ा दुश्मन होता है । वह अपने आप को पकड़ा जाना कभी भी पसंद नहीं करेगा ।

          3. रात में ऑटो या टैक्सी से सफ़र करते समय ?

          विशेषज्ञ का कहना है: ऑटो या टैक्सी में बैठते समय उसका नं. नोट करके अपने पारिवारिक सदस्यों या मित्र को मोबाईल पर उस भाषा में विवरण से तुरन्त सूचित करें जिसको कि ड्राइवर जानता हो । मोबाइल पर यदि कोई बात नहीं हो पा रही हो या उत्तर न भी मिल रहा हो तो भी ऐसा ही प्रदर्शित करें कि आपकी बात हो रही है व गाड़ी का विवरण आपके परिवार/ मित्र को मिल चुका है । इससे ड्राईवर को आभास होगा कि उसकी गाड़ी का विवरण कोई व्यक्ति जानता है और यदि कोई दुस्साहस किया गया तो वह अविलम्ब पकड़ में आ जायेगा । इस परिस्थिति में वह आपको सुरक्षित स्थिति में आपके घर पहुँचायेगा । जिस व्यक्ति से ख़तरा होने की आशंका थी अब वही आपकी सुरक्षा का ध्यान रखेगा ।

          4. यदि ड्राईवर गाड़ी को उस गली/रास्ते पर मोड़ दे जहाँ जाना न हो और आपको महसूस हो कि आगे ख़तरा हो सकता है - तो क्या करें ?

          विशेषज्ञ का कहना है कि आप अपने पर्स के हैंडल या अपने दुपट्टा/ चुनरी का प्रयोग उसकी गर्दन पर लपेट कर अपनी तरफ़ पीछे खींचती हैं तो चंद सेकंड में ही वह व्यक्ति असहाय व निर्बल हो जायेगा । यदि आपके पास पर्स या दुपट्टा न भी हो तो भी आप न घबराएं । आप उसकी क़मीज़ के काल़र को पीछे से पकड़ कर खींचेंगी तो शर्ट का जो बटन लगाया हुआ है वह भी वही काम करेगा और  आपको अपने बचाव का मौक़ा मिल जायेगा ।

          5. यदि रात में कोई आपका पीछा करता है ?

          विशेषज्ञ का कहना है : किसी भी नज़दीकी खुली दुकान या घर में घुस कर उन्हें अपनी परेशानी बतायें । यदि रात होने के कारण दरवाजे बन्द हों और नज़दीक में एटीएम हो तो एटीएम बाक्स में घुस जायें क्योंकि वहाँ पर सीसीटीवी कैमरा लगे होते हैं । पहचान उजागर होने के भय से किसी की भी आप पर वार करने की हिम्मत  नहीं होगी ।

           आख़िरकार मानसिक रुप से जागरुक होना ही आपका आपके पास रहने वाला सबसे बड़ा हथियार सिद्ध होगा । 

          कृपया समस्त नारी-शक्ति
अपनी माताश्री, बहन, पत्नी व महिला मित्रों, जिनका भी आपको ख़्याल है, उन्हें न केवल यह बतायें बल्कि उन्हें जागरुक भी कीजिए । समस्त नारी जाति की सुरक्षा के लिये ऐसा करना हम सभी को अपना नैतिक उत्तरदायित्व मानना चाहिये ।
           

Monday, February 13, 2017

सरकारी योजनाओं का सच...!


 
         एक रियल घटना पान की दुकान पर खडे एक 36-37 वर्षीय युवक से बातचीत के कुछ अंश...

          मैनें पूछा कुछ कमाते धमाते क्यों नहीं ?

          वह बोला--  क्यों ?😳

          मैं बोला--  शादी कर लो  ?

          वह बोला-- पहले ही हो गई ...😊

          मैं बोला--  कैसे  ?

          वह बोला--  मुख्यमंत्री कन्यादान योजना से...😊

          मैं बोला--  फिर बाल-बच्चों के लिये कमाओ  ?

          वह बोला--  जननी सुरक्षा से डिलिवरी फ्री और साथ मे 1400 रू का चेक...😊

          मैं बोला--  बच्चों की पढ़ाई-लिखाई के लिये कमाओ  ?

          वह बोला--  उनके लिये पढ़ाई, यूनिफार्म, किताबें और भोजन सब सरकार की तरफ़ से फ्री  ! साथ में लड़का कॉलेज जा रहा है, BPL होने की वजह से उसे स्कॉलरशिप भी मिलती है,  हम उस से ऐश करते हैं ।

          मैं बोला-- यार घर कैसे चलाते हो  ?
 
        वह बोला- छोटी लड़की को सरकार से साईकिल मिली है, लड़के को लेपटॉप मिला है । माँ-बाप को वृद्धावस्था पेन्शन मिलती है, और 1 रूपये किलो गेहूं और चावल भी तो मिलता है ।

          मैं झुंझला कर बोला-  यार माँ-बाप को तीर्थयात्रा के लिये तो कमाओ  ?

          वह बोला-  दो धाम करवा दिये हैं, मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा से...😊

          मुझे गुस्सा आया और मैं बोला--
 
          माॅ बाप के मरने के बाद उनके क्रिया-कर्म के लिये तो  कमा  ?

          वह बोला--  1 रू में विद्युत शवदाह गृह है !😊

          मैंने कहा--  अपने बच्चों की शादी के लिये तो कमा..?

          वह मुस्कुराया और बोला-- फिर वहीं आ गये... वैसे ही होगी जैसे मेरी हुई थी !😀

          यार एक बात बता ये- इतने अच्छे कपड़े तू कैसे पहनता है ?

          वह बोला-- राज की बात है.. फिर भी मैं बता देता हूँ...😊

          "सरकारी जमीन पर कब्जा करो, आवास योजना मे लोन लो और फिर औने-पौने में मकान बेच कर फिर से जमीन कब्जा कर पट्टा ले लो !"😜
 
          तुम जैसे लाखों लोग काम करके हमारे लिए टैक्स भर ही रहे हैं ।  किसान भी मेहनत से खेती करके अनाज पैदा करता है और सरकार उनसे लेकर हमें मुफ़्त भी देती है, तो फिर हम काम क्यों करें ।
 
          बस यही है बेसहारा कहे जाने वाले निम्न वर्ग के लिये सरकारी रियायती योजनाओं का सच...! 
 
सोर्स : What'sApp.
 
 

Friday, February 10, 2017

अपने हाथ की उंगलियो से अपने बारे में जानिये !


          जैसा कि तस्वीर मे दिखाया गया है उस से आपको हाथ की उंगलियों के नाम पता चल गये होंगे ।

सबसे पहले तर्जनी की बात...

          अगर यह उंगली सीधी है, कहीं से भी टेडापन नहीं है और ना ही इस उंगली का झुकाव मध्यमा की तरफ या अंगूठे की तरफ हो रहा हो तो ऐसा व्यक्ति इरादे का पक्का, बुलंदी को छुने का इरादा रखने वाला और दूसरों पर राज़ करने वाला होना चाहिये ।

फिर मध्यमा की बात...

          अगर यह उंगली सीधी है, कहीं से भी टेडापन नहीं है और ना ही इस उंगली का झुकाव अनामिका की तरफ या तर्जनी की तरफ हो रहा हो तो ऐसा व्यक्ति सन्यास / उदासी को पसंद करने वाला - अलग थलग रहने का आदि और भीड़ में/घर परिवार मे घुलमिल कर न रहने वाला होना चाहिये ।

 अब अनामिका की बात...

          अगर यह उंगली सीधी है, कहीं से भी टेढापन नहीं है और ना ही इस उंगली का झुकाव मध्यमा या कनिष्का की तरफ हो रहा हो तो ऐसा व्यक्ति अपने हाथ की / से कमाई करने वाला, उसके पास कोई ना कोई हुनर होगा जिस से वो कमाई कर रहा होगा । खुद भी हाथ से काम करके खुश होगा / हाथ से काम करना पसंद करेगा ।

अब कनिष्का / कनिष्ठ की बात...

          अगर यह उंगली सीधी है, कहीं से भी
टेढापन नहीं है और ना ही इस उंगली का झुकाव अनामिका की तरफ हो रहा हो तो ऐसा व्यक्ति बोलने मे माहिर ( तर्क शक्ति का होना ) और दिमागी तौर पर बलवान होना चाहिये ।

          सीधी उंगलियों के बारे जानने के बाद अब झुकाव किस तरफ है उंगली का और उसका क्या असर होगा यह समझते हैं ।

          अगर सभी उंगलियों का झुकाव तर्जनी की तरफ हो रहा है तो ऐसा व्यक्ति पक्के इरादे वाला, आज़ाद तबियत का मालिक और कभी भी हौसला ना हारने वाला होगा ।
  
          अगर तर्जनी का झुकाव मध्यमा की तरफ हो जाये तो जो उपर लिखा है उसके उल्ट प्रभाव वाला होना चाहिये ।

          अगर सभी उंगलियों का झुकाव मध्यमा कि तरफ हो जाये तो उदासी और अकेलेपन का आदि होगा ।

          अगर मध्यमा का झुकाव तर्जनी की तरफ हो तो दुनिया को छोड़ देने का ख्याल और बेकार के ख्यालों में खोये रहने वाली उदासी का मालिक होगा ।

          अगर मध्यमा का झुकाव अनामिका की तरफ हो तो एक क्षण में खुश और दूसरे ही क्षण उदास टाईप की अजीबो गरीब तबियत का मालिक होगा ।

          अगर अनामिका का झुकाव मध्यमा की तरफ हो जाये तो शोहरत चाहने वाला होगा जो कि थोड़ी बहुत मिल भी सकती है ।

          अगर अनामिका का झुकाव कनिष्का / कनिष्ठ की तरफ हो तो हाथ से काम करने वाला, व्यापारी और पैसे का पीर होगा, हो सकता है कि ऐसे व्यक्ति को पैसे से ज़्यादा किसी से प्यार न हो ।

          अगर कनिष्का/कनिष्ठ उंगली का झुकाव अनामिका की तरफ हो तो दिमागी ताकत का मालिक और हाथ के काम से लाभ उठाना जानता होगा ।

 

सोर्स : फेसबुक.


Tuesday, February 7, 2017

आने वाला कल...


           सन् 2095 यानि आज से लगभग 79 साल बाद...

          रितेश अपने कमरे में चुपचाप गुमसुम सा बैठा है, तभी मम्मी की तरंगे कैच होने लगती है (उस समय तक शायद मोबाईल म्यूज़ियम में पहुंच जावेंगे और ऐसे छोटे-छोटे ऊँगलियों में फिट होने वाले गेजेट्स आ जायेंगे जिनका बटन ऑन करने के बाद जिस व्यक्ति के बारे में सोचेंगे उस से मानसिक तरंगो से बात होना शुरू हो जाएगी जैसे अभी मोबाईल से होती है ।

 
           रितेश हलो मम्मी ...कैसी है आप ?


          मम्मी--ठीक हूँ बेटा... तू बता अभी अमेरिका में धूप निकली की नही  ?


          रितेश--नही मम्मी अभी कहाँ... करीब दो महीने तो हो गए... अभी तो अन्धेरा ही है और मौसम विभाग की भविष्यवाणी हुई है की अभी एक महीने और सूरज निकलने के आसार नही है ।


          मम्मी--हूँsss यहाँ भी स्थिति ठीक नही है...  पिछले एक महीने से सूरज ढल ही नही रहा...  85 डिग्री सेल्सियस तापमान बना हुआ है... भयंकर पराबैंगनी किरणे फैली हुई है... कल ही पडौस वाले जोशीजी का मांस पिघल कर गिरने लगा था... वो अभी भी I.C.U  में भर्ती है ।


          रितेश--ओह्ह...  तो क्या उन्होंने घर पे ओजोन कवर नही लगा रखा है ?


          मम्मी--घर पर
तो लगवा रखा है पर उनकी कार का ओजोन कवर थोडा पुराना हो गया था इसलिए... उसमें छेद हो गया और पराबैंगनी किरणें उनकी बॉडी से टच हो गई थी ।

        रितेश--अच्छा मम्मी आपने सुना इधर एक बड़ी घटना हो गई... परसों अमेरिका के किसी कस्बे में एक पौधा पाया गया... पूरी दुनिया में अफरातफरी मच गई । दुनिया भर के वैज्ञानिक वहाँ इकठ्ठा हो गए, काफी रिसर्च चल रही है, आखिर दुनिया में एक वनस्पति दिखाई देना बहुत बड़ी बात है ।


          मम्मी--अच्छा बेटा तू टाईम से अपने भोजन के केप्सूल तो लेता है ना ? और हाँ- वो पानी वाले केप्सूल लेना मत भूलना, वरना तेरी तबियत खराब हो जाएगी और टाईम से ऑक्सीजन लेते रहना बेटा, तेरे पापा ने एक बार ऑक्सीजन लेने में लापरवाही कर दी थी तो पूरे फेफड़े ही बदलवाने पड़ गए... तू तो जानता ही है की अच्छे वाले फेफड़े कितने महंगे हो गए है...।


          रितेश:---मम्मी अभी  बजाज के फेफड़े लांच होने वाले हैं जो किमत में काफी कम है और सर्विस होंडा के फेफड़ो जैसी ही रहेगी । और हां मम्मी आप भी याद रखना घर में तीन चार लिवर एक्स्ट्रा रखा करो..... यूं भी दादाजी को हर तीन महीने में नया लिवर लगता ही है, एकाध एक्स्ट्रा भी रहना चाहिए कब रात-बिरात जरूरत पड़ जाए ।


          अभी हमें यह मजाक लग सकता है, पर अपनी आने वाली पीढ़ी को यदि इन परिस्थितियों से बचाना है तो हमें  इसके लिये ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने ही होंगे और अपने दोस्तों/रिश्तेदारों/कलिग्स को भी इसके लिए प्रेरित करना होगा ।



Sunday, February 5, 2017

ज्ञान की बात - सुखी वैवाहिक जीवन का राज...!


          एक दंपत्ति नें जब अपनी शादी की 25वीं वर्षगांठ मनाई तो एक पत्रकार उनका साक्षात्कार लेने पहुंचा । वो दंपत्ति अपने शांतिपूर्ण और सुखमय वैवाहिक जीवन के लिये प्रसिद्ध थे,  उनके बीच कभी नाम मात्र की भी तकरार नहीं हुई थी ।

          लोग उनके इस सुखमय वैवाहिक जीवन का राज जानने को बेहद उत्सुक थे...

        पत्रकार के पूछने पर पति ने बताया- हमारी शादी के फ़ौरन बाद हम हनीमून मनाने शिमला गये, वहाँ हम लोगो ने घुड़सवारी की, मेरा घोड़ा बिल्कुल ठीक था लेकिन मेरी पत्नी का घोड़ा थोड़ा नखरैल था, उसने दौड़ते-दौड़ते अचानक मेरी पत्नी को गिरा दिया ।

          मेरी पत्नी उठी और घोड़े के पीठ पर हाथ फ़ेर कर कहा - "यह पहली बार है"  और फ़िर उस पर फिर सवार हो गई । 
 
          थोड़ी दूर और चलने के बाद घोड़े ने फ़िर पत्नी को गिरा दिया । पत्नी ने घोड़े से फ़िर कहा - "यह दुसरी बार है"  और फ़िर उस पर सवार हो गयी । लेकिन थोड़ी दूर जा कर घोड़े ने फ़िर उसे गिरा दिया ।
 
          इस बार मेरी पत्नी ने कुछ नहीं कहा, चुपचाप अपना पर्स खोला, पिस्तौल निकाली और उस घोड़े को गोली मार दी ।

          मुझे ये देखकर बहुत गुस्सा आया और मैं जोर से पत्नी पर चिल्लाया - "ये तुमने क्या किया,  पागल हो गयी हो क्या ?"

          तब पत्नी ने मेरी तरफ़ देखा और कहा - "ये पहली बार है" ।

          और बस उसके बाद से हमारी ज़िंदगी सुख और शांति से चल रही है ।


 

Saturday, February 4, 2017

जाना-पहचाना सच...!



            एक राजा को मलाई रबड़ी खाने का शौक था । उसे रात में सोने से पहले मलाई रबड़ी खाए बिना नींद नहीं आती थी ।  इसके लिए राजा ने एक नौकर को रोजाना चार आने की मलाई लाने की ड्यूटी दे दी । यह क्रम कई दिनों तक चलता रहा ।

            कुछ समय बाद खजांची को शक हुआ कि कहीं  नौकर चार आने की मलाई में गड़बड़ तो नहीं कर रहा । उसने चुपचाप नौकर पर नजर रखनी शुरू की तो देखा कि नौकर केवल तीन आने की मलाई लाता है और एक आना बचा लेता है । अपनी चोरी पकड़ी जाने पर नौकर ने खजांची को एक आने की रिश्वत देना शुरू कर दिया अब राजा को दो आने की मलाई रबड़ी मिलती जिसे वह चार आने की समझ कर खाता ।

            कुछ दिन बाद राजा को शक हुआ कि मलाई की मात्रा में कमी हो रही है । राजा ने अपने खास मंत्री को अपनी शंका बतलाई और असलियत पता करने को कहा- मंत्री ने पूछताछ शुरू की तो खजांची ने एक आने का प्रस्ताव मंत्री को भी दे दिया ।

            अब हालात ये हुए कि नौकर को केवल दो आने मिलते जिसमें से एक आना नौकर रख लेता और एक आने की मलाई रबड़ी राजा के लिए ले जाता । कुछ दिन गुजरने पर हलवाई जिसकी दुकान से रोजाना मलाई रबड़ी जाती थी उसे संदेह हुआ कि पहले तीन आने की मलाई जाती थी अब घटते घटते एक आने की रह गई ।

            हलवाई ने नौकर को पूछना शुरू किया और राजा को बतलाने की धमकी दी । नौकर ने पूरी बात खजांची को बतलाई और खजांची ने मंत्री को । अंत में यह तय हुआ कि एक आना हलवाई को भी दे दिया जाये । अब समस्या यह हुई कि मलाई कहां से आएगी और राजा को क्या बताया जाएगा, इसकी जिम्मेदारी मंत्री ने ले ली ।

            इस घटना के बाद पहली बार ऐसा हुआ कि राजा को मलाई की प्रतीक्षा करते-करते नींद आ गयी । उसी समय मंत्री ने राजा की मूछों पर सफेद चाक (खड़िया) का घोल लगा दिया । अगले दिन राजा ने उठते ही नौकर को बुलाया तो मंत्री और खजांची भी दौड़े आए । राजा ने पूछा -कल मलाई क्यों नही लाये ?

             नौकर ने खजांची और मंत्री की ओर देखा.... तभी मंत्री बोला - हुजर यह लाया था,  आप सो गए थे  इसलिए मैने आपको सोते में ही खिला दी थी ।  देखिए अभी तक भी आपकी मूछों में लगी है । यह कहकर उसने राजा को आईना दिखाया । मूछों पर लगी सफेदी को देखकर राजा को विश्वास हो गया कि उसने मलाई खाई थी । 

            अब यह रोज का क्रम हो गया, खजाने से पैसे निकलते और बंट जाते, राजा के मुंह पर सफेदी लग जाती ।

            यह कहानी आज के समय में  भी एक दम फिट है । आप कल्पना करें कि- आम जनता राजा है, मंत्री हमारे नेता हैं और अधिकारी व ठेकेदार, खजांची और हलवाई हैं । पैसा भले कामों के लिए निकल रहा है और आम आदमी को चूना दिखाकर बहलाया जा रहा है ।


Friday, February 3, 2017

आधुनिकता और स्नेह


          चश्मा साफ़ करते हुए उस बुज़ुर्ग ने अपनी पत्नी से कहा - हमारे ज़माने में मोबाइल नही थे…!

           पत्नी : पर ठीक पाँच बजकर पचपन मिनीट पर में पानी का ग्लास लेकर दरवाज़े पे आती और आप आ पहुँचते ।

           पति : हाँ मैंने तीस साल नौकरी की पर आज तक में समझ नहीं पाया की मैं आता इसलिए तुम पानी लाती थी या तुम पानी लेकर आती इसलिये में आता था ।

            हाँ…और याद है तुम्हारे रिटायर होने से पहले जब तुम्हें डायबिटीज़ नहीं थी और मैं तुम्हारी मनपसंद खीर बनाती तब तुम कहते थे कि आज दोपहर में ही ख़याल आया था की आज तो खीर खाने को मिल जाए तो मज़ा आ जाए । 

            हाँ .…सच में…ऑफीस से निकलते वक़्त जो सोचता, घर आकर देखता था की वही तुमने बनाया है ।

            और तुम्हें याद है जब पहली डिलीवरी के वक़्त मैं मायके गई थी, और जब दर्द शुरु हुआ मुझे लगा काश तुम मेरे पास होते ! और घंटे भर में ही जैसे कि कोई ख़्वाब हो- तुम मेरे पास थे ।

           पति : हाँ …उस दिन यूं ही ख़याल आया की जरा देखलूं तुम्हें. 
         
           पत्नी : और जब तुम मेरी आँखों मे आँखें डाल कर कविता की दो लाइनें बोलते……

            पति : हाँ और तुम शर्मा के पलके झुका देती और मैं उसे अपनी कविता की 'लाइक' समझता ।


          पत्नी : और हाँ जब दोपहर को चाय बनाते वक़्त मे थोड़ा जल गई थी और उसी शाम तुम बर्नोल की ट्यूब अपनी जेब से निकालकर बोले इसे अलमारी मे रख दो । 

            पति : हाँ पिछले दिन ही मैंने देखा था कि ट्यूब ख़त्म हो गई है, पता नहीं कब जरुरत पड़ जाए ये सोचकर मैं ले आया था ।

            पत्नी : तुम कहते आज ऑफिस के बाद तुम वहीं आ जाना सिनेमा देखेंगे और खाना भी बाहर खा लेंगे ।

            पति : और जब तुम आती तो जो मैंने सोच रखा हो तुम वही साड़ी पहन कर आती थी ।

            फिर नज़दीक जा कर उसका हाथ थाम कर कहा- हाँ हमारे समय मे मोबाइल नही था पर… "हम दोनों थे ।"

            आज बेटा और बहू  साथ तो होते है पर, बातें नही व्हाट्स एप होता है, लगाव नही टेग होता है, केमिस्ट्री नही कमेन्ट होता है, लव नही लाइक होता है, मिठी नोकझोक नही अनफ्रेन्ड होता है । उन्हें बच्चे नहीं केन्डीक्रश, सागा, टेम्पल रन और सबवे होता है ।

            छोड़ो ये सब बातें हम अब वायब्रंट मोड़ पर हैं और हमारी बेटरी भी १ लाईन पर है...

            अरे..!  कहाँ चल दी  ? 

            चाय बनाने …

            भई वाह- मैं कहने ही वाला था कि चाय बना दो ना, पता है मैं अभी भी कवरेज में हूँ और मैसेज भी आते हैं । 

            दोनों हँस पड़े - हाँ हमारे ज़माने मे मोबाइल नही थे...
  
Source : What'sApp.